बजट 2025 में हो सकता है टैक्स में बड़ा धमाका! जानिए क्या बदल सकता है आपके लिए!

2025-2026 का संघीय बजट बस एक कदम दूर है, और देश भर के करदाता इस बार टैक्स नियमों में महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद कर रहे हैं। विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार के बजट में कुछ बड़े सुधार हो सकते हैं, जो सैलरीड इंडिविजुअल्स के लिए राहत का कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं उन प्रमुख प्रस्तावों के बारे में, जो टैक्स सिस्टम को नया आकार दे सकते हैं।


क्या 10 लाख रुपये तक की आय को मिलेगा टैक्स फ्री होने का लाभ?

केंद्र सरकार 2025-2026 के बजट में एक बड़ा कदम उठा सकती है। खबरों के मुताबिक, सरकार की योजना है कि सालाना आय को 10 लाख रुपये तक टैक्स से मुक्त कर दिया जाए। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो सैलरीड क्लास और मिडल इनकम ग्रुप को अपनी आय पर टैक्स के बोझ से राहत मिल सकती है।

अभी तक, नए टैक्स व्यवस्था के तहत, 7.75 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता, क्योंकि इसमें 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। इस नए प्रस्ताव के तहत, यदि आपकी आय 10 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, जो एक बड़ी राहत साबित हो सकती है।


नया टैक्स स्लैब: 15 लाख से 20 लाख रुपये तक पर 25% टैक्स

लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार एक और बदलाव पर विचार कर रही है – और वह है एक नया टैक्स स्लैब, जिसमें सालाना आय 15 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक होने पर टैक्स दर 25% हो सकती है।

वर्तमान में, 15 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% टैक्स लगता है। यदि यह 25% स्लैब लागू होता है, तो इससे उच्च आय वर्ग को कुछ राहत मिल सकती है, और टैक्स सिस्टम को ज्यादा न्यायसंगत बनाया जा सकता है।


सरकार के लिए राजस्व का असर: कैसे समेटेगी सरकार ये खर्च?

इन टैक्स सुधारों को लागू करने से सरकार को राजस्व की भारी हानि हो सकती है, जो लगभग 50,000 करोड़ रुपये से लेकर 1 लाख करोड़ रुपये तक हो सकती है। हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि यदि बजट अनुमत है, तो वे इस टैक्स राहत का असर सहन करने को तैयार हैं।

बेशक, इन बदलावों के साथ सरकार को राजस्व की कमी का सामना करना पड़ेगा, लेकिन यह कदम करदाताओं के लिए राहत देने वाला साबित हो सकता है।


क्या अन्य टैक्स सुधार हो सकते हैं?

इसके अलावा, कुछ थिंक टैंक्स, जैसे कि ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI), ने भी टैक्स सुधारों की सिफारिश की है। इनमें शामिल हैं:

  • आयकर छूट सीमा को बढ़ाना – प्रस्तावित सीमा 5.7 लाख रुपये (महंगाई के हिसाब से) हो सकती है।
  • फिक्स्ड डिडक्शंस में वृद्धि – जैसे कि बचत ब्याज पर मिलने वाली 10,000 रुपये की डिडक्शन को बढ़ाकर 19,450 रुपये करना।
  • महंगाई के हिसाब से टैक्स स्लैब और डिडक्शंस में संशोधन – ताकि करदाता लाभ की वास्तविकता बनाए रख सकें और महंगाई का असर न हो।

यह सिफारिशें करदाताओं के लिए अधिक लाभकारी साबित हो सकती हैं, खासकर अगर ये बदलाव वास्तविक मूल्य के हिसाब से किए जाएं।


बजट 2025 से क्या उम्मीदें हैं?

अब जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को बजट पेश करने वाली हैं, विशेषज्ञों की राय है कि सरकार इस बार अप्रत्याशित बदलाव नहीं करेगी, जैसे पिछले साल की तरह कोई अप्रत्याशित पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि। हालांकि, सरकार कुछ ऐसे उपाय कर सकती है जिनसे उपभोग को बढ़ावा मिले, खासकर उन क्षेत्रों में जहां विकास धीमा पड़ा है।

बजट का मुख्य उद्देश्य राजकोषीय सुदृढ़ीकरण, पूंजीगत व्यय (CapEx) में वृद्धि और ग्रामीण आय में सुधार पर हो सकता है।


इन बदलावों का आपको क्यों होगा फायदा?

यदि यह प्रस्ताव लागू होते हैं, तो इससे लाखों सैलरीड इंडिविजुअल्स को बड़ी राहत मिल सकती है। आयकर में कमी और टैक्स स्लैब के बदलाव से आपके व्यक्तिगत वित्त में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि आप इन संभावित बदलावों को ध्यान में रखते हुए अपनी वित्तीय योजना तैयार करें।


आपको अब क्या करना चाहिए?

यदि आप बजट 2025 के लिए तैयार हैं, तो यह समय है अपने वित्तीय कदमों पर पुनर्विचार करने का। यह आपके टैक्स बचत उपायों, निवेश विकल्पों और टैक्सेबल आय में कमी लाने के तरीकों पर पुनः विचार करने का सही समय हो सकता है। जैसे ही बजट की घोषणा होगी, हम आपको ताजातरीन अपडेट देंगे!

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top