महाराष्ट्र में एक दुर्लभ और खतरनाक न्यूरोलॉजिकल बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) नामक इस बीमारी से मुंबई में पहली मौत हुई है, जबकि पूरे राज्य में अब तक आठ लोगों की जान जा चुकी है। लगभग 200 मामलों की पुष्टि के साथ, यह स्थिति स्वास्थ्य अधिकारियों और जनता के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
मुंबई में GBS से पहली मौत
मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती 53 वर्षीय मरीज की GBS के कारण मृत्यु हो गई। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने बुधवार को इस दुखद घटना की पुष्टि की। यह मुंबई में GBS से पहली आधिकारिक मौत है।
इस बीच, पुणे और उसके आसपास के क्षेत्र GBS के हॉटस्पॉट बन गए हैं। वहां 197 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 172 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं:
- 40 मरीज पुणे नगर निगम क्षेत्र से
- 92 मरीज नए जोड़े गए PMC गांवों से
- 29 मरीज पिंपरी-चिंचवड़ से
- 28 मरीज पुणे ग्रामीण से
- 8 मरीज अन्य जिलों से
अब तक 104 मरीज ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। 50 मरीज ICU में भर्ती हैं और 20 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जो जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) क्या है?
GBS एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली गलती से अपनी ही नसों (नर्व्स) पर हमला करने लगती है। इसका असर मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी नसों पर होता है, जिससे शरीर में कमजोरी और सुन्नपन महसूस होने लगता है।
GBS के लक्षण:
✔ मांसपेशियों में कमजोरी (विशेष रूप से पैरों और हाथों में)
✔ हाथ-पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी महसूस होना
✔ संतुलन खोना या चलने में कठिनाई
✔ थकान और कमजोरी का बढ़ना
✔ सांस लेने और निगलने में कठिनाई (गंभीर मामलों में)
✔ बोलने और चेहरे की मांसपेशियों पर असर पड़ना
हालांकि इसके सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह बीमारी आमतौर पर संक्रमण या कुछ मामलों में टीकाकरण के बाद विकसित हो सकती है। यह तेजी से बढ़ सकती है, इसलिए समय पर पहचान और इलाज बेहद जरूरी है।
महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों से चिंता क्यों बढ़ रही है?
महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों, विशेष रूप से पुणे में, ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। अब तक पुणे में GBS से 7 मौतें हो चुकी हैं, जिससे इस बीमारी पर नियंत्रण पाना जरूरी हो गया है। राज्य सरकार मरीजों को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने और बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सतर्कता बरत रही है।
आप क्या कर सकते हैं?
✔ जानकारी रखें: GBS के लक्षणों को पहचानें और सतर्क रहें।
✔ तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: यदि आपको अचानक कमजोरी या हाथ-पैर सुन्न होने जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
✔ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं: संक्रमण से बचने के लिए संतुलित आहार और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
GBS के खिलाफ लड़ाई जारी है, और हर एक जीवन महत्वपूर्ण है। यह बीमारी दुर्लभ जरूर है, लेकिन इसका असर गंभीर हो सकता है। महाराष्ट्र सरकार इस पर काबू पाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन जनता की जागरूकता और समय पर इलाज ही इस खतरे से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!